सुधा मूर्ति जी की मैंने “डोलर बहु ” नावेल पढ़ी थी करीब वर्ष 2018 में और आज में Sudha Murthy Biography In Hindi के विषय पर लिखने जा रही हूँ जो की बहुत ही अच्छा फील कर रही हूँ । सुधा मूर्ति जानी-मानी लेखिका और इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति की पत्नी है जो की अपनी सादगी और मोटिवेशनल स्पीच के लिए जानी जाती हैं। उनके मोटिवेट विडियो अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं ।
बीते दिनों सुधा मूर्तिने संसद में अपना पहला भाषण दिया। सुधा मूर्ति ने संसद में महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए वैक्सीन और पर्यटन से जुड़े मामले को उठाया था । यह पहला भाषण सोशल मिडिया पर वायरल हो गया तथा लोगों ने भी जमकर तारीफ़ की ।
Sudha Murthy Biography In Hindi में जानते है सुधा मूर्ति जी का परिचय :
सुधा मूर्ति, एक नाम जो भारतीय साहित्य, समाजसेवा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में जाना जाता है। वे ना सिर्फ एक सफल लेखिका हैं, बल्कि इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति की पत्नी भी हैं। उनकी सादगी, प्रेरणादायक विचार और समाज के प्रति योगदान उन्हें विशेष बनाते हैं। इस लेख में हम सुधा मूर्ति के जीवन, शिक्षा, करियर, लेखन, सामाजिक कार्य और पुरस्कारों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

Sudha Murthy Biography In Hindi में जानते है सुधा मूर्ति जी का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा :
सुधा मूर्ति का जन्म 19 अगस्त 1950 को उत्तरी कर्नाटक के शिगांव में हुआ। उनके पिता, आर.एच कुलकर्णी, एक सर्जन थे और माता, विमला कुलकर्णी, एक शिक्षिका थीं। सुधा की शिक्षा का सफर शिगगांव के एक स्थानीय स्कूल से शुरू हुआ, जहां उन्होंने हमेशा कक्षा में अव्वल आकर अपने माता-पिता का गर्व बढ़ाया।
सुधा ने बीवीबी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, हुबली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। वे कॉलेज में 150 छात्रों में से पहली महिला थीं। अपनी कक्षा में उन्होंने गोल्ड मेडल प्राप्त किया और इस सफलता के लिए उन्हें कर्नाटक के मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया। इसके बाद, उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) से कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की।
करियर की शुरुआत :
सुधा मूर्ति का करियर टाटा मोटर्स में पहली महिला इंजीनियर के रूप में शुरू हुआ। यह एक बड़ी उपलब्धि थी, जो उनके आत्मविश्वास और मेहनत को दर्शाती है। उन्होंने अपने करियर के दौरान कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन कभी हार नहीं मानी।
लेखन कार्य :
सुधा मूर्ति ने अपने लेखन की शुरुआत सामाजिक मुद्दों पर आधारित कहानियों से की। उनकी पहली पुस्तक “दिग्गज की बेटी” ने उन्हें व्यापक पहचान दिलाई। इसके बाद उन्होंने कई उपन्यास, कहानियाँ और बाल साहित्य लिखा। उनकी लेखनी में जीवन के सरल और महत्वपूर्ण सबक होते हैं, जो पाठकों को प्रेरित करते हैं।

उनकी प्रसिद्ध कृतियों में “डोलर बहु,” “मैदान,” “गणेश उत्सव,” और “तिनका तिनका” शामिल हैं। उनके द्वारा लिखी गई कहानियाँ बच्चों के लिए एनिमेशन के माध्यम से भी उपलब्ध हैं, जो यूट्यूब चैनल पर देखी जा सकती हैं।
सामाजिक कार्य :
सुधा मूर्ति ने अपने पति नारायण मूर्ति के साथ मिलकर इंफोसिस फाउंडेशन की स्थापना की। इस फाउंडेशन के माध्यम से उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, और संस्कृति के क्षेत्र में अनेकों परियोजनाओं का संचालन किया।
उन्होंने सैकड़ों स्कूल, पुस्तकालय, और अस्पताल स्थापित किए। उनका मुख्य उद्देश्य हमेशा समाज के वंचित वर्गों की मदद करना रहा है। सुधा मूर्ति ने विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के लिए कई पहल की हैं, ताकि वे एक सुरक्षित और स्वस्थ जीवन जी सकें।
संसद में पहला भाषण :
हाल ही में, सुधा मूर्ति ने संसद में अपना पहला भाषण दिया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। उन्होंने महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते मामलों पर ध्यान आकर्षित किया और इसके लिए वैक्सीनेशन की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका यह भाषण महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था।
सम्मान और पुरस्कार :
सुधा मूर्ति को उनके योगदान के लिए कई सम्मान और पुरस्कार मिले हैं। उन्हें पद्म श्री, ‘रमन मैग्सेसे पुरस्कार, और भारतीय साहित्य अकादमी पुरस्कार, से नवाजा गया है। उनकी साहित्यिक कृतियों ने उन्हें न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी ख्याति दिलाई है।
निजी जीवन :
सुधा मूर्ति का निजी जीवन बहुत ही सादा और अनुशासनबद्ध है। वे साधारण कपड़े पहनती हैं और हमेशा सादगी से जीवन जीने में विश्वास रखती हैं। उनके दो बच्चे हैं – रोहन और अक्षता। वे अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद करती हैं और अपने बच्चों को समाज के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए प्रेरित करती हैं।

सुधा मूर्ति के जीवन पर लिखा गया यह लेख न केवल उनकी उपलब्धियों को सम्मानित करता है, बल्कि हमें यह भी प्रेरित करता है कि हम भी समाज के लिए कुछ अच्छा करने की कोशिश करें। सुधा मूर्ति का जीवन एक प्रेरणादायक यात्रा है, जो हमें सिखाती है कि हम अपने इरादों को मजबूत रखकर और मेहनत करके कुछ भी हासिल कर सकते हैं।
प्रेरणा के स्रोत :
सुधा मूर्ति का जीवन हमें सिखाता है कि अगर हमारे इरादे नेक हों और हम मेहनत और लगन से काम करें, तो हम किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। उनका जीवन समाज के प्रति समर्पण, शिक्षा के प्रति जागरूकता, और सादगी का उत्कृष्ट उदाहरण है।
सुधा मूर्ति का जीवन एक प्रेरणादायक कहानी है। उन्होंने अपने जीवन के हर पहलू में सफलता प्राप्त की है और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाते हुए अनेक महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। उनका जीवन हमें प्रेरित करता है कि हम भी अपने समाज के लिए कुछ अच्छा करें और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाएं।
सुधा मूर्ति के जीवन से हमें यह सीखने को मिलता है कि सादगी, समर्पण, और सामाजिक सेवा के माध्यम से हम अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं। उनका जीवन हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए काम करना चाहता है।
इस प्रकार, सुधा मूर्ति की जीवनी न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन की कहानी है, बल्कि यह हमें सिखाती है कि कठिनाइयों का सामना कैसे किया जाए और समाज के प्रति क्या जिम्मेदारियाँ निभाई जाएं। उनका जीवन एक मिसाल है, जो यह दर्शाता है कि सच्ची सफलता केवल अपने लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए भी काम करने में है।