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अन्ना राजम मल्होत्रा: भारत की पहली महिला आईएएस अधिकारी की प्रेरणादायक कहानी

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क्या आप जानते है भारत की प्रथम महिला आईएएस अधिकारी कोन थी ? जी हाँ, आपका जवाब सही है, अन्ना राजम मल्होत्रा । तो आज हम जानेगे अन्ना राजम मल्होत्रा के बारे में..!! भारत की पहली महिला आईएएस अधिकारी की प्रेरणादायक कहानी

अन्ना राजम मल्होत्रा कौन थीं? :
अन्ना राजम मल्होत्रा भारत की पहली महिला आईएएस (Indian Administrative Service) अधिकारी थीं। उनका जीवन भारतीय महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। 17 जुलाई 1927 को केरल के एर्नाकुलम जिले में जन्मी अन्ना ने समाज की रूढ़ियों को तोड़ते हुए इतिहास रच दिया।

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अन्ना राजम मल्होत्रा : शिक्षा और शुरुआती जीवन :
अन्ना राजम ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा केरल में पूरी की। उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। उनका शिक्षा के प्रति गहरा समर्पण और आत्मविश्वास ही उन्हें भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने की प्रेरणा बना।

अन्ना राजम मल्होत्रा: आईएएस अधिकारी बनने की यात्रा :
1948 में, अन्ना राजम ने सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की। यह वह समय था जब महिलाओं का प्रशासनिक सेवाओं में प्रवेश असामान्य था। परीक्षा के बाद, उन्हें सलाह दी गई कि वे “फॉरेन सर्विस” या “सेंट्रल सर्विस” चुनें, लेकिन अन्ना ने दृढ़ता से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) को चुना। अपने सेवा काल में देश के दो प्रधानमंत्रियों और सात मुख्यमंत्रियों के साथ अन्ना राजम मल्होत्रा ने काम किया।

अन्ना राजम मल्होत्रा: भारत की पहली महिला आईएएस अधिकारी
करियर और प्रमुख योगदान :
अन्ना राजम मल्होत्रा ने मद्रास कैडर से अपने प्रशासनिक करियर की शुरुआत की। उन्होंने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम किया और अपनी कुशल नेतृत्व क्षमता के लिए जानी गईं।

अन्ना मल्होत्रा सात मुख्यमंत्रियों के साथ काम करने में सक्षम थे। उन्होंने एशियाड प्रोजेक्ट पर राजीव गांधी के साथ मिलकर काम किया और थोड़े समय के लिए इंदिरा गांधी से मिलीं। न्हावा शेवा पोर्ट ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में, वह यह सुनिश्चित करने में बहुत महत्वपूर्ण थीं कि मुंबई का पहला कम्प्यूटरीकृत पोर्ट बनाया गया था। वह भारत सरकार की सचिव के रूप में काम करने वाली पहली महिला भी थीं।

पुरस्कार और सम्मान :
1989 में, अन्ना राजम मल्होत्रा को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। यह उनके अद्वितीय योगदान और निष्ठा का प्रमाण है।

व्यक्तिगत जीवन :
उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर आर. एन. मल्होत्रा से विवाह किया। अन्ना का जीवन सादगी और अनुशासन का उदाहरण था।

निधन और विरासत :
अन्ना राजम मल्होत्रा का निधन 17 सितंबर 2018 को 91 वर्ष की उम्र में हुआ। उनकी प्रेरक कहानी आज भी महिलाओं को अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित करती है।

अन्ना राजम मल्होत्रा: महिलाओं के लिए प्रेरणा

अन्ना राजम मल्होत्रा ने साबित किया कि दृढ़ निश्चय और मेहनत से कोई भी बाधा पार की जा सकती है। वह भारतीय प्रशासनिक सेवा में महिलाओं की भागीदारी का मार्ग प्रशस्त करने वाली अग्रदूत थीं।

 

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